भोजन की बर्बादी खाद्य सुरक्षा के लिए खतरनाक

बीजिंग। चीनी कविता है कि हमारे कटोरे में एक भी चावल, किसानों के मेहनत से भरा है। सब लोग यह सिद्धांत समझते हैं, लेकिन भोजन की बबार्दी फिर भी इधर-उधर देखने को मिलती है। रिपोर्ट के अनुसार चीन के खानपान व्यवसाय में हर बार प्रति व्यक्ति 93 ग्राम खाद्य पदार्थों की बबार्दी होती है। बबार्दी की दर 11.7 प्रतिशत है, जबकि बड़े मिलन समारोह में बबार्दी की दर 38 प्रतिशत तक जा पहुंची। वर्ष 2015 में चीन के शहरों में सिर्फ रेस्टोरेंटों में बर्बाद भोजन इसके बराबर होता है कि 3 करोड़ से 5 करोड़ लोगों के लिए एक वर्ष का भोजन मिल जाए। हालांकि चीन में हर साल अनाज की फसल होती है, लेकिन खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता फिर भी बनाए रखनी पड़ती है। पूरी दुनिया में फैल रही कोविड-19 महामारी ने हमारे लिए संकट की घंटी बजाई है।
संयुक्त राष्ट्र संघ का अनुमान है कि महामारी की वजह से आर्थिक मंदी आई है। दुनिया पिछले 50 सालों में सबसे गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रही है। पिछले दशकों में जनसंख्या में बड़ा इजाफा होने के कारण दुनिया में खाद्य संकट कभी दूर नहीं हुआ। वास्तव में विभिन्न देश भोजन की बबार्दी को रोकने के लिए व्यवस्था स्थापित कर चुके हैं या कर रहे हैं। इससे किफायती भोजन संस्कृति स्थापित हुई। चीन में बबार्दी को रोकने के लिए वर्ष 2013 से अपनी थाली साफ करें अभियान चल रहा है। यह अनिवार्य है।
भारत की तरह चीन में जनसंख्या बड़ी है, लेकिन भूमि का संसाधन पर्याप्त नहीं होता। खतरे और चुनौती के सामने खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
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